नई दिल्लीः दिल्ली सरकार ने अपनी कोविड-19 योजना में काफी बदलाव किए हैं. जिनमें छह जुलाई तक घर-घर जाकर सभी की जांच पूरी करना, ज्यादा घनी आबादी वाले क्षेत्र के संक्रमित व्यक्ति को देखभाल केन्द्र में भर्ती कराना, निषिद्ध क्षेत्रों में सीसीटीवी और ड्रोन की मदद से लोगों की आवाजाही पर नजर रखना आदि शामिल हैं.
इस संशोधित योजना की आठ बिन्दुओं में से एक है. यदि किसी बेहद संदिग्ध व्यक्ति की रैपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी) रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो गोल्ड स्टैंडर्ड आरटी-पीसीआर जांच करा कर उसकी पुष्टि की जानी चाहिए.
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा गठित उच्चस्तरीय समिति ने रविवार को अपनी रिपोर्ट में सलाह दी थी कि दिल्ली में कोविड-19 मरीजों के संपर्क में आए सभी लोगों को पृथक-वास में रखा जाए. सभी निषिद्ध क्षेत्रों का परिसीमन किया जाए ताकि राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.
संशोधित योजना के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के तहत अति सघन आबादी वाले क्षेत्रों के कोविड-19 मरीज या क्लस्टर मामलों को कोविड देखभाल केन्द्र भेजा जाएगा. निषिद्ध क्षेत्रों का सीमा निर्धारण 26 जून तक कर लिया जाएगा.
संशोधित योजना के अनुसार, निषिद्ध क्षेत्रों में घर-घर जाकर जांच 30 जून तक, जबकि बाकि दिल्ली में छह जुलाई तक पूरा कर लिया जाएगा. फिल्हाल वर्तमान में दिल्ली में 266 निषिद्ध क्षेत्र हैं.
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