एबीपी लाइव के साथ एक खास बातचीत में खेल मंत्री किरण रिजिजू ने कहा, ” अगले साल टोक्यो में रियो डी जेनेरियो ओलंपिक्स में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए हमारे एथलीट्स तैयार है.

अगले साल के ओलंपिक खेलों को देखते हुए अब स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया की भारत के एलीट एथलीटों की ट्रेनिंग पर खास नज़र रहेगी. खेल मंत्री किरण रिजिजू पिछले कुछ हफ्तों से एथलीटों से बातचीत कर रहे है और वो ये जानने की कोशिश भी कर रहे है की “पोस्ट कोरोना ” समय मे एथलीट अपनी ट्रेनिंग को लेकर किस तरह की अलग तैयारी करने का प्लान बना रहे है.
एबीपी लाइव के साथ एक खास बातचीत में खेल मंत्री किरण रिजिजू ने कहा, ” अगले साल टोक्यो में रियो डी जेनेरियो ओलंपिक्स से बेहतर प्रदर्शन करने के लिए हमारे एथलीट्स तैयार है. शूटिंग , बॉक्सिंग, फ्री स्टाइल कुश्ती और बैडमिंटन जैसे खेलों में भारत दुनिया की किसी भी देश से टक्कर लेने के लिए सक्षम है.
खेल मंत्री का मानना है कि, जूनियर स्तर पर टैलेंट स्काउटिंग की और भी ज़रूरत है. ” सिर्फ सीनियर लेवल के एथलीटों पर ध्यान देने से भारतीय खेल आगे नही बढ़ेगा. नई प्रतिभाओं को ढूंढने के लिए जूनियर स्तर पर टैलेंट स्काउटिंग जारी रखना होगा. यही सबसे महत्वपूर्ण है “
एबीपी लाइव के संवाददाता कुंतल चक्रवर्ती ने जब खेल मंत्री से पूछा कि क्या टारगेट लेकर आप आगे बढ़ रहे है? इसपर किरण रिजिजू ने जवाब देते हुए कहा कि “2028 में भारत को ओलंपिक खेलों में टॉप 10 फिनिश करना है, फिलहाल यही लक्ष्य लेकर मैं आगे बढ़ रहा हूँ.”
“हॉकी या फिर आर्चरी जैसे खेलों में ओडिशा के एथलीट्स काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे है . मणिपुर से फुटबॉलर्स बेहतर कर रहे है. ऐसे में देखा जाए तो अलग अलग राज्य कोई एक या दो खेलों में बेहतर कर रहा है. हम यही कोशिश कर रहे है कि राज्य सरकारों को भी मदद मिले क्योंकि एक साथ काम करने से खिलाड़ियों की बेहतरी और तेज हो सकती है “. खेल मंत्रालय ने इससे पहले ही कुछ खेलों की एथलीटों को ट्रेनिंग शुरू करने की इजाज़त दे दी थी. अगले कुछ हफ्तों तक खेल मंत्री किरेन रिजिजू खुद इलीट एथलीटों की ट्रेनिंग प्रोग्राम पर नज़र रखना चाहते है क्योंकि अगर ज़रूरत पड़े तो उन्हें हर तरह की बैकअप दिया जा सके.
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