आईसीएमआर के निदेशक ने कहा कि भारत बहुत बड़ा देश है और यहां कोरोना वायरस के संक्रमण का आंकड़ा इस लिहाज से काफी कम है.

नई दिल्ली: देश में मेडिकल रिसर्च की सबसे बड़ी संस्था इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने साफ़ कर दिया है कि देश में कोरोना महामारी का सामुदायिक संक्रमण (Community Transmission) नहीं हुआ है. आईसीएमआर का बयान दिल्ली सरकार के उस बयान के दो दिन बाद आया है जिसमें कहा गया था कि दिल्ली में सामुदायिक संक्रमण हो गया है. आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि भारत एक बहुत बड़ा देश और यहां संक्रमण का आंकड़ा उस लिहाज़ से काफ़ी कम है. भार्गव के मुताबिक, सरकार का पूरा ध्यान लोगों में महामारी की खोज़ और उसके इलाज पर है.
कंटेनमेंट जोन के बाहर 1 फीसदी से कम है संक्रमण- आईसीएमआर
इस बीच आईसीएमआर के एक सर्वे में ख़ुलासा हुआ है कि देश में कंटेनमेंट ज़ोन के बाहर 0.73 फ़ीसदी लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं. आईसीएमआर ने देश के ऐसे 83 जिलों में सीरो सर्वे किया है जिसके आधार पर ये बातें सामने आई हैं. इस सर्वे की जानकारी देते हुए महानिदेशक बलराम भार्गव ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि देशभर के ऐसे 83 जिलों में 26000 से ज़्यादा लोगों का एंटीबॉडी जांचने के लिए खून का सैम्पल लिया गया था. जिनके शरीर में एंटीबॉडी पाया गया उसका मतलब ये निकला कि वो कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. भार्गव के मुताबिक़ ये सर्वे मई के तीसरे हफ़्ते में किया गया था और आने वाले दिनों में ऐसे और सर्वे किए जाएंगे. हालांकि उन्होंने उन जिलों का नाम नहीं बताया जहां ये सर्वे किया गया.
कंटेनमेंट ज़ोन में सर्वे अभी जारी
बलराम भार्गव ने बताया कि कंटेनमेंट ज़ोन में सीरो सर्वे का काम अभी चल रहा है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पॉल ने बताया कि भारत में प्रति एक लाख मामले और मृत्यु दर दुनिया भर में सबसे कम है. उन्होंने आंकड़ों से बताया कि प्रति एक लाख जहां भारत में 20.77 संक्रमण के मामले हैं वहीं प्रति एक लाख मृत्यु दर 0.59 है जो दुनिया के औसत से भी काफ़ी कम है.
राज्य हमें आंकड़ा बताते हैं- स्वास्थ्य मंत्रालय
प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय उन्हीं आंकड़ों को देश से साझा करता है जो राज्यों की ओर से दिया जाता है. अग्रवाल से दिल्ली नगर निगम के उस दावे के बाद सवाल किया गया था जिसमें कहा गया था कि दिल्ली में कोरोना से 2098 लोगों की जान गई है जबकि दिल्ली सरकार का आंकड़ा 982 ही है. अग्रवाल ने कहा कि सबको आंकड़ों के मामले में पारदर्शिता रखनी चाहिए.
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