मिल्क एटीएम प्रीपेड है जो कि पहले रिचार्ज किया जाता है, उसके बाद कस्टमर जितना चाहे मिल्क ले सकता है.

जोधपुरः कोरोना वायरस के संक्रमण को जुगाड़ व टेक्नोलॉजी से हराने के लिए एक दूध विक्रेता ने मिल्क एटीएम गाड़ी बनाई है जो कि ग्राहकों के घर-घर जाकर दूध देने के काम आ रही है.
कोरोनावायरस के खतरे से बचने के लिए तीन चीजों का खास ख्याल रखना जरूरी है सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क व सैनिटाइजर. कोरोना संकट के इस काल में जरूरी वस्तुएं सप्लाई करने वाले दूध विक्रेता, सब्जी बेचने वाले को तेजी से संक्रमण हो सकते हैं.
कई जगह दूधवाले संक्रमित हुए हैं इस संक्रमण से बचने के लिए कई तरीके अपनाए जा रहे हैं. जोधपुर के एक दूधवाले ने मिल्क एटीएम गाड़ी बना ली है. इस मिल्क एटीएम मशीन की खासियत यह है कि इससे से आप मिल्क ले सकते हैं. ओमप्रकाश बोराणा ने खुदको और ग्राहकों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए मिल्क एटीएम गाड़ी को बनाने में 7 लाख रुपये खर्च किए हैं.
मिल्क एटीएम प्रीपेड है जो की पहले रिचार्ज किया जाता है, उसके बाद कस्टमर जितना चाहे मिल्क ले सकता है. जब रिचार्ज खत्म होता है तो उसके बाद पुन: कस्टमर को उस एटीएम को रिचार्ज करवाना पड़ता है.
प्रदेश में पहले मिल्क एटीएम की शुरुआत जोधपुर में लॉकडाउन के दौरान हुई है. इस मिल्क एटीएम मशीन को नीमराना से बनवाया गया. इसकी एटीएम मशीन की लागत करीब 2 लाख रुपये आई और ओर पूरी गाडी को बनवाने मे करीब 7 लाख रुपये लगे . इसमें साढ़े छ्ह सो लीटर मिल्क आता है.
इसमें मिल्क का रेट भी फिक्स किया गया है, जिसमें गाय के दूध के भाव 40 रुपये व भैंस के दूध के 50 रुपये रखा गया है. करीब 250 ग्राहकों को कोरोना काल दौरान इससे सेवा दी जा रही है. ग्राहकों को एटीएम कार्ड की तरह एक कार्ड भी दिया गया है, जिसे रिचार्ज करके वे काम में ले रहे है. इसे लीटर व रुपये के अनुसार ग्राहक उपयोग कर सकता है. हाईजेनिक मिल्क इससे ग्राहकों को मिल जाता है. साथ ही जीपीएस की व्यवस्था गाड़ी में की गई है.
वहीं मैसेज सिस्टम भी इसमें लगा हुआ है. जिससे मशीन से दूध निकलते ही ग्राहक को स्लिप मिल जाती है और संचालक के मोबाइल पर मैसेज आ जाता है. अब इस टेक्नोलॉजी के साथ जोधपुर के विभिन्न जगहों में दूध दिया जा रहा है . इस दूध एटीएम गाड़ी में दही, छाछ, घी, पनीर आदि भी उपलब्ध है.
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