लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोविड—19 संक्रमण से मरने वालों की संख्या एक हजार के पार हो गयी है. पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य में 29 और लोगों की मौत हो गयी और संक्रमण के 1685 नये मामले सामने आए. अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य में कोविड—19 संक्रमित 29 और लोगों की मौत हो गयी, जिससे इस संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,012 हो गई.
बीते एक दिन में लखनऊ में हुई सबसे ज्यादा मौतें
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, सबसे ज्यादा चार मौतें राजधानी लखनऊ में हुई हैं. इसके अलावा कानपुर नगर, अमरोहा और झांसी में तीन—तीन, सहारनपुर, फिरोजाबाद, मुरादाबाद, रामपुर, बस्ती, अयोध्या, सम्भल, सुलतानपुर, गोरखपुर, मुजफ्फरनगर, अम्बेडकर नगर, फतेहपुर, शामली, मिर्जापुर, फर्रुखाबाद और कुशीनगर में एक—एक व्यक्ति की मौत हुई है.
पिछले 24 घंटों के दौरान कोविड—19 संक्रमण के 1,685 नये मामले सामने आए. इनमें सबसे ज्यादा 197 मामले लखनऊ में आए हैं. इसके अलावा गाजियाबाद में 144, गौतमबुद्धनगर में 112 और कानपुर नगर में 88 मरीज मिले हैं. इस समय प्रदेश में संक्रमण के उपचाराधीन मामलों की संख्या 14,628 है जबकि 25,743 लोग पूर्णतया उपचारित होकर अस्पतालों से छुटटी पा चुके हैं.
एकांतवास वार्ड में हैं 14,635 लोग
प्रसाद ने बताया कि एकांतवास वार्ड में 14,635 लोगों को रखा गया है, जिनका विभिन्न चिकित्सालयों और मेडिकल कालेजों में इलाज चल रहा है.
उन्होंने बताया कि जिन लोगों में कोरोना संक्रमण को लेकर ज्यादा लक्षण नज़र आते हैं उन्हें भी आइसोलेशन वार्ड में रखा जाता है जबकि पृथकवास केन्द्रों में उन लोगों को रखा जाता है, जिनके बारे में संदेह होता है कि इन्हें वायरस का संक्रमण हो सकता है. ऐसे में उनके नमूने लेकर जांच की जाती है और उन्हें अस्पताल में नहीं बल्कि अलग केंद्रों में रखा जाता है. इस समय पृथकवास केन्द्रों में 4021 लोग हैं.
सबसे ज्यादा टेस्ट करने के मामले में यूपी तीसरे स्थान पर
उन्होंने बताया कि प्रदेश में मंगलवार को टेस्टिंग का एक नया मुकाम हासिल किया गया और कुल 45,302 सैम्पल की जांच की गयी. इस प्रकार प्रदेश में अब तक 12 लाख, 77 हजार, 241 सैम्पल की जांच हो चुकी है.
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि देश में सर्वाधिक टेस्ट करने वाले राज्यो में हम तीसरे स्थान पर हैं. महीने—डेढ महीने पहले हमारा स्थान बहुत नीचे हुआ करता था. छह लाख टेस्ट करने में हमें चार महीने लगे थे. उसके बाद के छह लाख टेस्ट केवल 20 दिन में पूरे किये गये.
उन्होंने बताया कि टेस्ट की संख्या में तमिलनाडु और महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश से आगे हैं. हो सकता है कि हम जल्द ही दूसरे नंबर पर आ जाएं. प्रदेश में टेस्टिंग क्षमता में काफी बढोतरी की गयी है. टेस्टिंग की स्थिति में अप्रत्याशित सुधार हुआ है. पूल टेस्टिंग के माध्यम से मंगलवार को पांच पांच सैम्पल के 2,666 पूल लगाये गये, जिनमें से 336 पूल पॉजिटिव निकले जबकि दस-दस सैम्पल के 343 पूल लगाये गये, जिनमें से 73 पूल पॉजिटिव पाये गये.
प्रसाद ने बताया कि निगरानी का कार्य निरंतर चल रहा है. हमारी टीमों ने 28,560 निषिद्ध क्षेत्र में कार्य किया है. कुल 1 कोरड़, 21 लाख, 09 हजार, 557 घरों में 6 करोड़, 18 लाख, 57 हजार, 644 लोगों की निगरानी की गयी है.
उन्होंने बताया कि ‘डोर टू डोर’ सर्वे का बुधवार को आखिरी दिन है. दो जुलाई से 12 जुलाई के बीच मेरठ से इसकी शुरूआत की गयी थी. उसके बाद 17 अन्य मंडलों में पांच जुलाई से शुरू किया था और यह प्रक्रिया 15 जुलाई तक चलनी थी, जो बुधवार को समाप्त हो रही है.
प्रसाद ने बताया कि पूरे प्रदेश में कोविड हेल्प डेस्क का बडा नेटवर्क तैयार हो गया है. सभी कार्यालयों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों में कोविड डेस्क स्थापित की गयी है. जहां लोगों का ज्यादा आवागमन होता है, वहां भी कोविड हेल्प डेस्क बनायी गयी है. अब तक कुल 52,418 डेस्क स्थापित की जा चुकी हैं. जहां इन्फ्रारेड थर्मामीटर और पल्स आक्सीमीटर से प्रारंभिक स्क्रीनिंग की जा सकती है.
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि आरोग्य सेतु ऐप का लगातार इस्तेमाल हो रहा है और इसके माध्यम से जिन लोगों को एलर्ट आता है, उन्हें स्वास्थ्य विभाग के नियंत्रण कक्ष और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन से फोन कर हालचाल लिया जाता है. अब तक ऐसे 2 लाख, 56 हजार, 500 लोगों को फोन किया जा चुका है.
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