रांची: झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा पर्याप्त व्यवस्था नहीं किए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की. कोर्ट ने कहा कि राज्य में वर्तमान हालात भारी अव्यवस्था की ओर इशारा कर रहे हैं. मुख्य न्यायाधीश डॉ. रविरंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की पीठ ने कोरोना वायरस संक्रमण से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त टिप्पणी की.
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ”अब तक सरकार यह दावा कर रही थी कि राज्य में पर्याप्त डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी हैं. जांच के लिए पर्याप्त सुविधा है, लेकिन जो हालात नजर आ रहे हैं, वह डराने वाले हैं.” पीठ ने कहा, ”राज्य में स्थिति यह है कि हाई कोर्ट के कुछ कर्मचारियों के कोविड-19 जांच के नमूने 15 जुलाई को ट्रूनेट मशीन से लिये गये थे लेकिन आज तक उनकी रिपोर्ट नहीं मिली है.”
वर्तमान हालात भारी अव्यवस्था की तरफ इशारा कर रहे- HC
पीठ ने कहा, ”हाई कोर्ट में स्वास्थ्य सचिव से लेकर सभी अधिकारी किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार रहने की बात करते रहे, लेकिन वर्तमान हालात तो भारी अव्यवस्था की तरफ इशारा कर रहे हैं.” पीठ ने हाई कोर्ट के खाली भवन को हाई कोर्ट के तृतीय और चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के लिए आइसोलेशन सेंटर बनाने, जजों के लिए अतिथि गृह को आइसोलेशन सेंटर बनाने का प्रस्ताव भी सरकार को दिया. इसके अलावा न्यायिक अकादमी के खाली भवन का उपयोग भी आइसोलेशन सेंटर के रुप में करने का प्रस्ताव सरकार को दिया.
यह मामला आज सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं था. लेकिन एक दूसरे मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य जज ने महाधिवक्ता से कहा, ”आज यह मामला सुनवाई के लिए निर्धारित नहीं है. इसलिए हम इस पर कोई न्यायिक आदेश नहीं दे रहे हैं, लेकिन हालात को देखते हुए अपनी चिंता से सरकार को अवगत करा रहे हैं. उम्मीद है कि 31 जुलाई को संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान सरकार वस्तु स्थिति से अवगत कराएगी.”
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