मुंबई: मध्य रेल के रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने रेलवे आरक्षण टिकटों की कालाबाजारी के खतरे का मुकाबला करने के लिए टिकट दलालों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है. रेलवे ने 12 मई, 2020 से 15 जोड़ी एसी स्पेशल ट्रेनों की शुरुआत की है और बाद में चयनित विशेष मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों की 100 जोड़ी की घोषणा की है. 1 जून 2020 से इन विशेष ट्रेनों में कई व्यक्तिगत आईडी और कॉर्निग आरक्षित बर्थों का उपयोग करके ई-टिकटों के दोहन के संबंध में शिकायतें मिलनी शुरू हो गई थीं.
मध्य रेल आरपीएफ टीम ने इस अभियान में, विशेष रूप से निजी ट्रैवल एजेंसियों के परिसर में मध्य रेल के सभी मंडलों के विभिन्न स्थानों पर साइबर सेल और अन्य इनपुट से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर छापे मारे. इस लॉकडाउन अवधि और चरणबद्ध अनलॉक अवधि के दौरान सभी छापे में 44 दलाल पकड़े गए,उनसे 479 ई-टिकट, कीमत रु 8,62,191 जब्त किए गए.
मध्य रेलवे के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी एके सिंह ने बताया, “अब तक इस लॉकडाउन और अनलॉक अवधि के दौरान, मध्य रेल आरपीएफ टीम ने मुंबई मंडल पर 22 दलालों को पकड़ा, जिसमें ई-टिकट के लिए उपयोग की जाने वाली अन्य सामग्री के साथ 6,09,298 रुपये के 328 लाइव ई-टिकट जब्त किए गए. उनके खिलाफ रेलवे अधिनियम की धारा 143 के तहत मामला दर्ज किया गया है.”
इसके साथ ही उन्होंने बताया, “मध्य रेल आरपीएफ की टीम इस कोविड-19 महामारी के दौरान रेलवे के हर पहलू में अग्रिम पंक्ति के कोरोना योद्धा के रूप में खड़ी है. रेलवे की संपत्ति की सुरक्षा करते हुए, परिसर और अंदर श्रमिको के प्रवेश को नियंत्रित किया, फंसे हुए यात्रियों को भोजन के पैकेट वितरित किए. श्रमिक विशेष गाड़ियों में कोरोनो वायरस से बचाव बच्चों और उनके परिवारों को संक्रमण से रोकने के लिए क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए अभिनव फेस मास्क बनाए, ट्रेन में सवार होने में वरिष्ठ नागरिकों या विकलांग यात्रियों की मदद की, समय पर चिकित्सा सहायता की व्यवस्था के लिए गर्भवती महिलाओं की मदद की. अपराधियों को पकड़कर नशीली दवाइयां, चलती गाड़ी से चोरी हुए मोबाइल फोन इत्यादि जब्त करना शामिल है.”
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