
जयपुर:
सचिन पायलट कांग्रेस पार्टी से हार गए हैं. पार्टी अपने प्रथम परिवार के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता के लिए कुख्यात है, गांधी परिवार, उनके नेतृत्व में असामान्य रूप से नाराजगी के चलते पिछले तीन महीने के अंदर दो युवा और नेताओं ने पार्टी का साथ छोड़ दिया. पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया और अब 2013 में राजस्थान में सत्ता से बाहर हुई कांग्रेस को वापसी दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले सचिन पायलट को भी कांग्रेस ने किनारे कर दिया.
एक बार के लिए कांग्रेस अपने सदस्यों को खुले तौर पर रणनीति में दोष देख रही है, अगर वास्तव में ऐसा है तो वह अपनी प्रतिभा को क्यों नहीं संभाल पा रही है. रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘अपनी पार्टी के लिए चिंतित हूं. क्या हम तभी जागेंगे जब घोड़े हमारे अस्तबल से भाग जाएंगे.’
तब से हर उम्र के नेताओं ने गांधी परिवार प्रति अपनी हताशा का वर्णन किया है.
Worried for our party
Will we wake up only after the horses have bolted from our stables ?
— Kapil Sibal (@KapilSibal) July 12, 2020
सिंधिया के मामले से विपरीत पायलट को प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा कथित तौर पर फोन किया गया था; कांग्रेस प्रवक्ता आरएस सुरजेवाला ने आज सुबह यह भी कहा कि पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी भी पायलट के पास पहुंची थीं, उनसे आग्रह किया कि वे उन कदमों पर पुनर्विचार करें, जो उन्हें पार्टी के साथ टकराव में डाल रहे हैं.
सुरजेवाला ने आज जयपुर में अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह कहा कि पायलट के गांधी परिवार के साथ करीबी रिश्ते हैं. लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह घोषणा भी देखी गई कि पायलट को गृह राज्य के उपमुख्यमंत्री और राजस्थान में कांग्रेस अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है.
पायलट ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “सत्य को परेशान किया सकता है,पराजित नहीं.”