क्यों आई शेयर बाजार में तेजी- एसकोर्ट सिक्योरिटी के रिसर्च हेड आसिफ इकबाल ने न्यूज18हिंदी को बताया कि शेयर बाजार में तेजी की वजह एफआईआई यानी विदेशी निवेशकों की ओर से जारी खरीदारी है. साथ ही, कोरोना वैक्सीन को लेकर आती अच्छी खबरों ने बाजार में जोश भरने का काम किया है. इससे दुनियाभर में आर्थिक रिकवरी की उम्मीद बढ़ गई है.
अब क्या करें निवेशक-जैफरीज ने एक्सिस बैंक पर खरीदारी की सलाह दी है और लक्ष्य को 610 रुपये से बढ़ाकर 700 रुपये तय किया है. उनका कहना है कि वित्त वर्ष 2022 से कमाई में सुधार की उम्मीद की जा रही है. हालांकि DBS-LVB के मर्जर से कंपीटिशन बढ़ेगा.
जैफरीज ने ICICI बैंक पर खरीदारी की राय दी है और शेयर का 530 रुपये से बढ़ाकर 570 रुपये तय किया है. उनका कहना है कि वित्त वर्ष 2022 से क्रेडिट कॉस्ट सुधरने की मैनेजमेंट को उम्मीद है. बैंक को बेहतर पूंजी और CASA से लोन ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा.CLSA ने HDFC बैंक पर खरीदारी की सलाह दी है और लक्ष्य को 1525 रुपये से बढ़ाकर 1700 रुपये तय किया है. उनका कहना है कि ये बैंकिंग सेक्टर के टॉप पिक में शामिल है.
जैफरीज ने बंधन को लेकर जारी रिपोर्ट में कहा है कि बैंक का कलेक्शन स्थिर रहा है इस पर बिहार चुनाव का असर नहीं हुआ है. मैनेजमेंट की इसे 5 साल में SME और हाउसिंग में डायवर्सिफाइ करने की योजना है.
शेयर बाजार में तेजी सोने में गिरावट- घरेलू वायदा बाजार MCX पर सोना 49,000 रुपये के नीचे फिसल गया है. वहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर यानी कॉमेक्स पर सोना 4 महीने के निचले स्तर पर है. कॉमेक्स पर सोना 1,825 डॉलर के स्तर के करीब है. AstraZeneca की वैक्सीन की खबर से दबाव बना है. अमेरिकी डॉलर में रिकवरी से सोने में कमजोरी है. डॉलर 3 महीने के निचले स्तर से सुधरा है. अमेरिका के अच्छे आर्थिक आंकड़ों से भी कमजोरी आई है.

निफ्टी के 13000 के सफर पर नज़र
वैक्सीन की खबरों से खुश हुआ शेयर बाजार- फाइजर, मॉडर्ना के बाद अब ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की ओर से विकसित किए गए कोरोना वैक्सीन-कोवीशील्ड के अंतिम फेज के ट्रायल्स के शुरुआती नतीजे आ गए हैं. वैक्सीन के ट्रायल्स दो तरह से किए गए. पहले में 62% इफिकेसी दिखी, जबकि दूसरे में 90% से ज्यादा. औसत देखें तो इफेक्टिवनेस 70% के आसपास रही. यह खबर पूरी दुनिया के लिए उत्साह बढ़ाने वाली है ही, भारत के लिए बहुत ही खास है.
कोवीशील्ड या AZD1222 को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और उसकी कंपनी वैक्सीटेक ने मिलकर बनाया है. इसमें चिम्पांजी में सर्दी की वजह बनने वाले वायरस (एडेनोवायरस) को कमजोर कर इस्तेमाल किया गया है. इसमें SARS-CoV-2 यानी नोवल कोरोना वायरस का जेनेटिक मेटेरियल है. वैक्सीनेशन के जरिए सरफेस स्पाइक प्रोटीन बनता है और यह SARS-CoV-2 के खिलाफ इम्युन सिस्टम बनाता है. ताकि भविष्य में यदि नोवल कोरोना वायरस हमला करता है तो शरीर उसका मजबूती से जवाब दे सकें.

निफ्टी के 13000 के सफर पर नज़र
भारत के लिए क्या है इसके मायने– भारत में ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका ने अदार पूनावाला के पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) से मैन्युफैक्चरिंग कॉन्ट्रेक्ट किया है. SII भारत में इस वैक्सीन के फेज-3 ट्रायल्स कर रहा है. इसके नतीजे जनवरी-फरवरी 2021 तक आने की संभावना है.
नीति आयोग के सदस्य और नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन के चेयरमैन विनोद पॉल ने शनिवार को कहा था कि अगर एस्ट्राजेनेका ने UK में इमरजेंसी अप्रूवल मांगा और उसे मिल गया तो भारत में फेज-3 ट्रायल्स के पूरे होने से पहले ही कोवीशील्ड को मंजूरी मिल सकती है.
पॉल की मानें तो UK में अप्रूवल मिलते ही यदि भारत में भी ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने SII को इमरजेंसी अप्रूवल दे दिया तो अगले साल की शुरुआत में प्रायरिटी ग्रुप्स को वैक्सीन लगाना शुरू कर दिया जाएगा.